फास्ट फूड संस्कृति के खतरे पर हिमालयन हॉस्पिटल का अलर्ट, संतुलित खानपान पर दिया जोर

देहरादून/”स्वस्थ रहना है तो अपनाइए संतुलित और पौष्टिक खानपान” — इसी संदेश को केंद्र में रखते हुए हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में सोमवार को राष्ट्रीय पोषण सप्ताह-2025 का आगाज़ हुआ।
एक सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान के तहत विभिन्न प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से आमजन को जागरूक किया जाएगा।
कार्यक्रम की शुरुआत आहार विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता ‘क्रिएटिव कैनवास’ से हुई। इसमें हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग, स्कूल ऑफ योगा साइंसेज, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट और ग्राम्य विकास संस्थान के प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने अपने पोस्टरों में यह स्पष्ट संदेश दिया कि – सही खानपान ही स्वस्थ और लंबी आयु का आधार है।
निदेशक अस्पताल सेवाएं डॉ. हेम चंद्र ने बताया कि इस वर्ष पोषण सप्ताह की थीम “बेहतर जीवन के लिए सही भोजन करें” रखी गई है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवनशैली में बदलती आदतें और फास्ट फूड संस्कृति बीमारियों की जड़ बन चुकी हैं, ऐसे में संतुलित भोजन अपनाना समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
डायटिशियन इंचार्ज स्वाति पुरोहित ने जानकारी दी कि भारत में हर साल 1 से 7 सितम्बर तक राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को भोजन में छिपे पोषण तत्वों की जानकारी देना और कुपोषण को दूर करना है। उन्होंने चिंता जताई कि आज भी भारत में आयरन, विटामिन डी, विटामिन बी12, प्रोटीन और फोलेट की कमी आम है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती है।
प्रतियोगिता का मूल्यांकन नर्सिंग अधीक्षक रीना हबील और नैदानिक मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मालिनी श्रीवास्तव ने किया। जबकि प्रतियोगिता के सफल संचालन में प्रीति शर्मा, नेहा वशिष्ठ, गुंजन तोमर, अर्चना रानी, मानसी पंचभैया, वंदना तोमर और अंजलि वर्मा ने सराहनीय योगदान दिया।